Bhramar ka 'Dard' aur 'Darpan'
- 301 Posts
- 4461 Comments
तितली तेरी महिमा न्यारी
दिखने में तू कितनी प्यारी,
इन्द्रधनुष को मात तू देती,
इंद्रजाल की गोद में सोती,
पाँव जमी न टिकते तेरे,
बिना पंख उड़ते बहुतेरे,
सपना है या कोई कल्पना,
रंग रंगोली कोई अल्पना,
नैनो में तो रच बस जाये,
छूने से मर मिट जाए क्यों,
क्या तेरा अस्तित्व कहानी,
मिले लाभ न -ना कुछ हानि ,
११.५.२०१० ८.११ मध्याह्न
सुरेंद्रशुक्लाभ्रमर
Read Comments