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हमारे सभी सम्माननीया और साथ ही सम्माननीय मित्र गन को करवा चौथ के पावन पर्व पर हार्दिक शुभ कामनाएं …मेरी पत्नी को किसी ने सिखा पढ़ा दिया था इस व्रत से बचना गाँव में पूजा के दिन वे चल बसे थे सो शुभ नहीं होता ये करवा चौथ का व्रत ..सब मायूस… एक दिन तो उनके हाथ में बल्ले बल्ले होती वो भी गया ..सो मेरे मन में एक उपाय सूझा और मैंने ही व्रत रहने का ठान लिया कुरता धोती दुल्हे का सेहरा फल फूल …थाली ..आरती ….बचा बचाया आधे महीने की कमाई खर्च कर डाला ..मैडम के लिए भी मेंहदी साजो सज्जा के सामान..लेकिन उन्हें सजाने की हिम्मत मेरी भी नहीं चाची और ताई के डर से ..लेकिन बाद में मेरी भक्ति.. उपवास… अनशन देख महिलाओं का दिल भी पसीज गया और पुरुषों के दल के साथ सुर में सुर मिला वे भी ढोल ले गा उठीं और बहुरिया को सजा दुल्हन बना डाला..मेंहदी ..महावर लगा डाला … फिर क्या था मेरा चाँद शर्मा गया लजा गया छुई मुई सा ….और फिर मेरे अच्छे कर्म का फल हमें ही उल्टा मिल गया मेरी ही आरती उतारी गयी और सौ छेद वाली चलनी से हमें देखा गया …मत पूछिए फिर हमारी ख़ुशी का ठिकाना …पति परमेश्वर आज दुसरे एक दिन फिर …
(मलाल एक ही रहा दिल में मेरे ब्लॉग का न स्पेस बढ़ा जे जे की कृपा से न दूसरा एक्टिवेट हुआ सो मेंहदी महावर की छवि नहीं लगा पाया ) …जय श्री राधे
सब का चाँद खिला रहे
दिल मिला रहे
रोशन हो घर का हर कोना
जीवन का भूले सब रोना
हांथों में मेंहदी लगी रहे
प्रियवर दुल्हन सी सजी रहे
विरह गीत सब आज भुलाकर
मधुरिम मंगल गीत सुनाकर
मोहे मन दे दे जीवन
ये गात सदा यौवन पाए
तब अर्पण हो कुछ गर्व मिले
ये प्यार सदा परवान चढ़े
ये तीन शब्द मन को छू के
ज्यों पुष्प चढ़े जा चरणों में
माँ पिता को ऐसा स्नेह मिले
राहों में फूल निछावर हों
हर वीर शहीद यशश्वी हों
हम गर्व से मन में उन्हें बसा
सब प्यार लुटा दें बादल सा
प्रीतम प्रिय हों मन सांसों में
जीवन बन सुरभित रग रग हों
हर दिन शुभ हो रंग बिरंगा
करवा चौथ सा अनुपम क्षण हों
सागर की लहरों में खोकर
सीपी बन हम मोती पायें
मोती से फिर हार बने हम
गले से उनके हम लग जाएँ
भ्रमर ५
14.10.2011, JAL P B
9.11 PM
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