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(फोटो के लिए स्पेस की कमी)
सुरेन्द्र शुक्ल ” भ्रमर “5
http://blogger.com/profile/11124826694503822672
एक सरल सीधा भावुक इन्सान -मुझे नफरत, भेद-भाव ,अन्याय, घृणा ,भ्रष्टाचार, अनाचार, दुराचार और वे बहुत सी बातें जो जायज नहीं हैं बिलकुल ही नहीं सुहाती हैं |
-बच्चों और फूलों से प्यार है |
-जो दोस्ती के काबिल हैं उनसे दोस्ती रखना पसंद है |
-माँ बाप को अंत तक चाहने वाले पसंद हैं |
-नारियों को उनका यथोचित सम्मान देने वाले पसंद है |
-नारियां व पुरुष जो अपने भारत की संस्कृति को आज भी अपने दिल से लगाये हैं और अंधी दौड़ में शामिल नहीं हैं बहुत पसंद हैं |
-बच्चों को शिक्षित बनाने वाले और अनुशासन प्रिय लोग बहुत पसंद हैं |
-और ढेर सारे प्यारे बेबाक ईमानदार लोग जो इस श्रेणी में आते हैं पूजनीय और वन्दनीय हैं |
-जय हिंद जय भारत
शुक्ल भ्रमर ५ भ्रमर का दर्द और दर्पण
http://charchamanch.blogspot.com/2011/10/667.html
आदरणीय दिनेश गुप्त “रविकर जी “,http://blogger.com/profile/00288028073010827898
बहुत बहुत आभार आप का …हमारे प्रिय मित्रो के बारे में संजीदा जानकारी और एक दुसरे से परिचय कराने का जो नायाब तरीका और सिलसिला आप ने आरम्भ किया है वह काविले तारीफ़ है ..प्रभु आप की लेखनी में और धार दें और बुलंदियों तक आप को पहुंचाएं …
आप ने मेरा भी यानी “भ्रमर” का परिचय मित्र गण से कराया मन खुश हुआ नहीं तो हम वन्जारों से देश दुनिया में भटकने वालों के पास इतना वक्त कहाँ की सब कभी मिल एकाकार हो जाएँ दिल की कह सकें सुन सकें इस चिटठा जगत के माध्यम से एक प्रयास सतत चलता रहता है की दुनिया में शांति कायम हों सब को भरपेट भोजन मिले और सुकून भरी प्यारी जिन्दगी …
झरने सा कल कल बहते पत्थरों के बीच रगड़ते घिसते खेत बाग़ वन जंगल पहाड़ियों आदि हर समाज के बीच हमेशा एक सुन्दर सन्देश पहुँचाना और जो कुछ भी संभव हो भला करना ………
वसुधैव कुटुम्बकम की खातिर ….एक लक्ष्य है ..काश हमारे सभी प्रिय नागरिक एक स्वच्छ समाज सुसंस्कृति भावी पीढ़ी तैयार करें और इस देश को बुलंदियों तक पहुंचाएं ताकि हमारा भारत अपना सच्चा स्थान दुनिया की चोटी पर चढ़ पा ले अपना तिरंगा फहराए हम फिर शास्त्रार्थ में ज्ञान से सब को मात दे दें …
अनुरागी भ्रमर ५
जल पी बी
१५.०५.२०११
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