Menu
blogid : 4641 postid : 1192

शराब और ड्रग्स ने उसे लील लिया

Bhramar ka 'Dard' aur 'Darpan'
Bhramar ka 'Dard' aur 'Darpan'
  • 301 Posts
  • 4461 Comments

शराब और ड्रग्स ने उसे लील लिया
u25222297
(फोटो साभार गूगल नेट से लिया गया )

जहां सुमति तहां सम्पति नाना !
जहां कुमति तहां विपति निधाना !!

बेटे की बचपन की शैतानियों से माँ को बड़ा प्यार था लेकिन किशोरावस्था के बाद की शरारतें माँ के मन को बेचैन करतीं थी ! उस का देर से घर लौटना अँधेरे में कई बार गिर पड़ चोट खा कर आना माँ की चिंता का सबब बनता जा रहा था ! धीरे धीरे वे उसकी हरकतों पर गौर करने लगी ! लगा की बच्चा अब बड़ा हो गया है और इसे अब अपने भविष्य के विषय में सोचना चाहिए !
किसी तरह से डिग्री की पढाई पूरी हो गयी ! कान में कुछ उडी पड़ी खबर भी आने लगी की बदनाम दोस्तों के साथ घूमना फिरना इस का जारी है ! लोक लाज का भय और बाप से हमेशा इस के विषय में छुपाये रखना माँ को अंदर ही अन्दर खोखला किये जा रहा था !

अप्रत्यक्ष रूप से बेटे को प्यार से समझाती जब फरमाईश होती तो बाप से बहाने बना पैसे भी बेटे को मुहैया कराती रहती और जितना ही उन्होंने उस को अपने आँचल में बाँधने की कोशिश की मामला बिगड़ता गया ! धीरे धीरे बातें पिता के कान तक पहुँचने लगी माँ ने भी खरी खोटी सुनी ! चिंता अब बढ़ गयी थी !
बेटा अब तो रात में शराब पी कर आने लगा ! घर में बहस बाजी झगडा झंझट बाप के साथ उलझ जाना मार पीट की नौबत क्या हाथापायी सब हो जाती ! दिन गुजरते गए लोगों ने सलाह दी बाहर कहीं भेज यहाँ के बदनाम लड़कों से संपर्क ख़त्म करें ! लेकिन माँ बाप की कौन सुनता बेटा अब जवान जो हो गया था ! २५ साल बहुत होते हैं लम्बा चौड़ा ६ फुट से भी बड़ा …….पतला छरहरा देखने सुनने में सुन्दर शरीर …लेकिन शराब और अन्य गोलियों के नशे के सेवन से जीवन का रास्ता ही बदल गया था !

लोग जो सुझाते माँ दौड़ी जाती ! पंजाब से दवा मंगाती खाने पीने में, चाय में, देती की आदत ये नशे की छूटे लेकिन सब बेकार कुछ दिन उल्टियां फिर बंद….. फिर शुरू !

फिर कुछ लोगों ने कहा की इस के पल्ले कोई सुन्दर बहुरिया बाँध दी जाए तो शायद प्यार में ये सुधर जाए ! सब को ये राह भी पसंद आ गयी शादी भी हो गयी ……….सुन्दर बहू आ गयी सौम्य सुन्दर सुशील लेकिन अब तो कोहराम मचाने पर कोई सुनने वाला, सहने वाला ,लिपटने वाला ,रोने और गिडगिडाने वाला , और जो मिल गया था ,खूंखार और हो गया सारे उपचार बेकार …
साल भर बीत गया ! प्रभु ने सुना बच्चा होने की उम्मीद से सब खुश ..! शायद बच्चे से प्रेम हो जाए कुछ करिश्मा हो और सुधार हो …..लेकिन उस के कानों में जब बात पड़ी उसने गर्भपात ही करा दिया .. बीबी को घर में सोने तक नहीं देता नीचे विस्तर लगा बेचारी सो जाती ..पर साथ निभाने का प्यारा वादा वो रस्म रिवाज उसे तो सब याद था …..बीच बचाव में चूड़ियाँ तो पहले ही टूट जाती थी ……….गहने जो कुछ थे एक एक कर सब दद्दा ले गए ……….
शराब और कबाब में …सब जाता रहा सब मूक दर्शक बन सहते रहे अपना भाग्य बना लिए .
सब फिर बेचैन …हाथ पर हाथ धरे बैठे बूढ़े माँ बाप और कौन कितना लड़े ….

अभी १३ नवम्बर २०११ रविवार की रात फिर वही सिला वही चक्र देर से खा पी आना ……झगडा लड़ाई …..हंगामा और फिर एक कमरे में घुस बंद कर लेना ….सब को डराना की आज मै जो गोली खा कर आया हूँ …अब मुझको कोई नहीं बचा सकता …फिर खुद को कमरे में बंद कर लेना ….रोज रोज ऐसी बातें सुन लोगों का विश्वास उठ चला था कितना सच कितना गलत पता नहीं …. ब्लैकमेलिंग की आदत तो पड़ ही चुकी थी ……..

लेकिन आज उसकी चेतावनी झूठ नहीं थी ……..उसने खुद को फांसी के फंदे से करीब रात ११ बजे ही लटका लिया था .और शराब ने उसे लील लिया था ….

….रात से ही हंगामा रोना पीटना …माँ पर दौरे पड़ना ……..पत्नी का मिटटी का तेल पी जान देने की कोशिश …अस्पताल में भर्ती……..पुलिस मीडिया रिश्तेदार ……आज तक किसी को अब उस घर नींद नहीं भागे भागे फिर रहे …………….
अब ये खबर आई की पत्नी के पेट में फिर बच्चा है ……..अगर मिटटी के तेल का असर न हुआ तो शायद बच जाए ………..
माँ को सपना आया मै फिर लौट कर इस घर में आऊँगा ……….पागलपन ….सब आ गए दद्दा नहीं आये बस कहती जाती …
मेरे दद्दा भगवान् को प्यारे हो गए शराब ने नशे ने उसे लील लिया ………यही बार बार दुहराना शायद अब उसकी किस्मत …………..

ये रायबरेली उत्तर प्रदेश के निवासी एक श्रीवास्तव परिवार की सच्ची घटना है …बाप अब रिटायर है …माँ बूढी घर में है …..एक बहिन की शादी हो चुकी है ………
एक अभी भी कुंवारी है …..और भाई की आदतों से तंग आ गाँव में रह कर शिक्षा मित्र बन बच्चों को पढ़ाती है गाँव से ये सुन दौड़ आकर भाई से मिली यातनाएं भूल.. फूट फूट कर रो पड़ी ..बचपन के दिन…….. राखी की यादें……….. एक ही भाई ….सब तार तार हो गया … मेरे दद्दा ……मेरे दद्दा …….मेरे राहुल ..राहुल अभी नहीं आया ……
और मेरी आँखें भी भर आयीं …क्षमा करिए अब लिख नहीं सकता ….उस आत्मा को श्रद्धांजलि और सब को सहने की शक्ति दें भगवान्
भ्रमर ५
१४.११.२०११
यच पी

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply to minujhaCancel reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh