Menu
blogid : 4641 postid : 1542

जैसे गोरी घूँघट में हो

Bhramar ka 'Dard' aur 'Darpan'
Bhramar ka 'Dard' aur 'Darpan'
  • 301 Posts
  • 4461 Comments

images
जैसे गोरी घूँघट में हो
—————————–
रंग बिरंगी बदरी डोलीं
घेर गयीं “दिनकर” को
शरमाया सा छुपा जा रहा
आंचल – बदली के वो
P220412_14.44_[02]

तभी प्रिया ने करवट बदला
छन- छन लाली आयी

सप्त रंग के इंद्र धनुष बन
शरमाना दिखलाई
जैसे गोरी घूँघट में हो
पलक किये कुछ नीचे
चपला सी मुस्कान लहर को
वो अधरों में भींचे

rainbow

छुई – मुई सी कोई कली सी
हो बैठी सकुचाई
लेकिन भाटा – ज्वार उठे तन
अंग – अंग सिहरन भर आई
सूर्य रश्मि तब लिए लालिमा
छन – गालों- अधरों -पलकों हो
शर्मीली बन हृदय समाई
द्युति चमकी बस दिखी एक पल
खो तम-गयी-लजाती !
————————————–
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल “भ्रमर”
८-५-२०१२ कुल्लू यच पी
७.३०-८.१५

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh