Menu
blogid : 4641 postid : 1657

प्रेम का सागर नैना गागर

Bhramar ka 'Dard' aur 'Darpan'
Bhramar ka 'Dard' aur 'Darpan'
  • 301 Posts
  • 4461 Comments

तेरे नैना मेरे नैना सबके नयना होते प्यारे !
आँखों का तारा जो बनते होते प्राण पियारे !!
aishwarya-rai
(फोटो गूगल/ नेट से लिया गया साभार )

दिल दिमाग नैनों पर हावी अद्भुत रंग दिखाते !
हम ‘उनके’ नयनों में उलझे लूट हमें ‘वो’ जाते !!

‘भंवर’ बड़ी है उन नयनों में नैन मेरे ‘खो’ जाते !
नैन मिला ‘ऊँगली’ पकडाए वे ही ‘जान’ बचाते !!

राह तके नैना इतने दिन ‘पी’ की आस लगाये !
‘पी’ के पी घर आये – मोरे नैना अति अकुलाये !!

कली से जब मै फूल बनी नैनन सपन सजाये !
चंचल शोख नयन पी खोये घूँघट जभी उठाये !!

नयन तुम्हारे बेदर्दी बेरहम बड़े हैं नैनों से टकराएँ !
बिन पूछे ही हाल जिया का ‘डग’ भरते खो जाएँ !!

नयन हमारे तभी हैं मिलते मन में जब सच्चाई !
‘कपटी’ नैना इत उत भटकें नयन मिले ना भाई !!

नैनों में मदिरा है मेरे जी भर ‘जाम’ पिलाऊंगी !
मस्त रहो -मधुशाला वैरन नयनन उसे जलाऊंगी !!

प्यार की बदरी नैना मेरे तुम क्यों रूखे – सूखे !
‘नीर’ सम्हारो नयनन अपने बरसो ‘जी’ फिर पूजे !!

तेरे नैना भटक गए हैं पाखी सा सागर में विचरें !
मन सागर दिलवर मेरा है उड़ आयेंगे मेरे नैन में !!

नयनों में सपना था साजन सुख संसार में खोऊंगी !
नहीं था मालुम घृणा क्रोध घृत डाले ‘हवन’ मै रोऊंगी !!

नयन के उनके मरा है पानी वेशर्मी है हया नहीं !
बेटी ‘उनकी’ बुरे नैन हैं अपनी बेटी ‘कोख’ नहीं !!

चाटुकार चमचे नयनन में ‘कुत्ते’ पूँछ हिलाते !

बड़े भयावह खूंखार हैं निज रक्त ‘नयन’ पी जाते !!

कवि व्यभिचारी चोर नयन तो एक जगह ना टिकते !
सुवरन को खोजे ही फिरते डूब नयन मन मोती चुगते !!

प्रेम का सागर नैना गागर आओ नयनों बस जाएँ !
हंस बने हम ‘मोती’ चुग लें नैनन डूबें उतरायें !!
—————————————————————-
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
७.४५-८.३० पूर्वाह्न
कुल्लू यच पी ८.०९.2012

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh